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Feature Films
बनाने से रास्ते
मिली हैं मंज़िलें,
ढूँढने से रास्ता
बरसों नहीं मिला,
Fatso
Bhaiyaji SuperHitt
शाख़ों पर लिखी तहरीरें हवाएँ पढ़ती रहीं, बूंदों में अपना अक्स चाँद देखता रहा, ज़िन्दगी लम्हा लम्हा, पिघल पिघल कर मेरी हथेलियों में भरती रही
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